Before Arc
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जैसा कि हम जानते हैं कि आज के युग में आर्क वेल्डिंग कितना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका आविष्कार करने के लिए एक लंबा प्रयास किया गया है, लेकिन यह केवल तभी संभव हो पाया जब बिजली की खोज की गई थी। बिजली की खोज मानव इतिहास की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है।
विद्युत शक्ति एक प्राकृतिक शक्ति है जो आदि काल से ही ब्रह्माण्ड में अपना अस्तित्व रखती है इसका आविस्कर नही अपितु इसकी खोज की गयी।
Before Arc
बिजली की खोज
यह एक जटिल विषय है कि किसने पहली बार बिजली की खोज की , यह माना जाता है कि 1752 में, बेंजामिन फ्रैंकलिन ने एक पतंगओर एक कुंजी,के माध्यम से एक तूफान में प्रयोग किया था। उन्होंने एक वज्रपात के दौरान पतंग उड़ाया और परिवेशी विद्युत आवेश एकत्र किया। यह पहला प्रयोग था, जो प्रकाश में आया।बिजली की प्रकृति के बारे में उनके इस प्नेयोग ने भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया।Alessandro Volta |
1800 ई में Alessandro Volta ने यह सिद्ध किआ की रासायनिक क्रियाओं के द्वारा भी बिजली उत्पन्न की जा सकती हैं ।वोल्टा मूल रूप से इतालियन थे उनका जन्म 18 फ़रवरी 1745 में हुआ था उन्हों ने पहली बेट्री का निर्माण किया जो स्थिर विदुत प्रवाह की राह में एक महत्वपूर्ण क़दम था उन्ही के नाम पर इलेक्ट्रिक यूनिट का नाम वॊल्ट पड़ा ।उन्हों ने ही सर्व प्रथम सकारात्मक चार्ज और नकारात्मक चार्ज वाले कनेक्टरों को जोड़कर और उनके माध्यम से विद्युत चार्ज या वोल्टेज को चलाकर बिजली का पहला संचरण बनाया। किन्तु तब तक आर्क वेल्डिंग का कोई अस्तित्व नहीं था उस समय तक धातुओं को जोड़ने के लिए परंपरागत माध्यमो का ही प्रयोग होता था।Before Arc
चित्र स्रोत विकिपीडिया |
(17 December 1778 – 29 May 1829) की ख़ोज ने क्रांति पैदा की, जब उन्होंने एक शक्तिशाली बेत्ट्री के द्वारा प्लेटिनम की एक पतली पट्टी में विदुत धारा प्रवाहित करा के प्रकास्श उत्पन्न कराया यह प्रकाश (आर्क )मेल्टिंग पॉइंट (गलनांक ) तक पहुँच गयी किन्तु यह प्रयोग तब तक सैद्वान्तिक ही रही ओर १८०८ तक यह दो कार्बोन एलेक्ट्रोड़ो के बीच आर्क लाइट उत्पन्न करने तक ही सीमित रही । 1897 तक उन्होंने एक लैंप के विकास पर काम किया जो मुख्य रूप से कोएले के खदान में प्रयोग होने वाला था ।
तब से १८८० तक बिजली के छेत्र में महत्व्वूर्ण कार्य हुए जैसे 1821 मे पहली इलेक्ट्रिक मोटर का आविस्करप Michael Faraday. द्वारा किया गया 1826 में Georg Ohm (जिसका पूरा नाम जार्ज साइमन ओम था) के द्वारा ओम का सिद्वांत प्रस्तुत किया गया ।, माइकल फैराडे के द्वारा 1831 में चुम्बकीय छेत्र से सम्बंधित नियम प्रस्तुत किया गया ,जोसेफ हेनरी के द्वारा 1836 में विदुत रिले का आविस्कर हुआ । 1839 सर विलियम रॉबर्ट ग्रोव ने पहला ईंधन सेल विकसित किया। इलेक्ट्रिक टेलीग्राफ का आविष्कार१८४४ सैमुअल मोर्स के द्वारा हुआ ।1878 जोसेफ स्वानके द्वारा पहला इलेक्ट्रिक लैंप का आविस्कर हुआ ।चार्ल्स ब्रश ने एक आर्क लैंप विकसित किया।1879 कई प्रयोगों के बाद, थॉमस एडिसन ने एक गरमागरम प्रकाश बल्ब का आविष्कार किया, जिसे बिना जलाए लगभग 40 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। 1880 तक उनके बल्बों का उपयोग 1200 घंटों के लिए किया जा सकता था।
Before Arc
विकास के इस चक्र में आर्क वेल्डिंग के लिए 1877 से 1880 का समय महत्वपूर्ण था जब इलेक्ट्रिक डायनामो ओर जनरेटर का विकास हुआ ।, कारबन आर्क प्रोसेस के माध्यम से मेटलों का वेल्डिंग 1885 से 1887 तक संभव हो सका जब सिंगल कार्बन आर्क वेल्डिंग के लिए रूस के Bernardos and Olszewski ने पेटेंट कराया । विकास का चक्र चलता रहा अंतत: 1907 में स्वीडन के ऑस्कर क्जेल्ल्बेर्ग ने कवर्ड एलेक्ट्रोड़ के लिए पेटेंट कराया किन्तु इस का रिसुल्ट उस समय तक संतोस्प्र्द नही था, 1912 में अमरीका के strohmenger ने कोटिंग के लिएसोडियम सिलिकेट के साथ ब्लू अस्बेस्ट्स का उपयोग किया जिससे वेल्डिंग का परिणाम अच्छा रहा ।1929 में strohmenge के अथक प्रयासों से इस का व्यापारिक उपयोग होने लगा
Before Arc
विकास के इस चक्र में आर्क वेल्डिंग के लिए 1877 से 1880 का समय महत्वपूर्ण था जब इलेक्ट्रिक डायनामो ओर जनरेटर का विकास हुआ ।, कारबन आर्क प्रोसेस के माध्यम से मेटलों का वेल्डिंग 1885 से 1887 तक संभव हो सका जब सिंगल कार्बन आर्क वेल्डिंग के लिए रूस के Bernardos and Olszewski ने पेटेंट कराया । विकास का चक्र चलता रहा अंतत: 1907 में स्वीडन के ऑस्कर क्जेल्ल्बेर्ग ने कवर्ड एलेक्ट्रोड़ के लिए पेटेंट कराया किन्तु इस का रिसुल्ट उस समय तक संतोस्प्र्द नही था, 1912 में अमरीका के strohmenger ने कोटिंग के लिएसोडियम सिलिकेट के साथ ब्लू अस्बेस्ट्स का उपयोग किया जिससे वेल्डिंग का परिणाम अच्छा रहा ।1929 में strohmenge के अथक प्रयासों से इस का व्यापारिक उपयोग होने लगा
1928 में एक ओर महत्वपूर्ण अधयाय आर्क वेल्डिंग के छेत्र में जुड़ गया जब Alexander ने अम्रीका में कार्बन डाई आक्साईड गैस को शीलडिंग गैस के रूप में प्रयोग करने के लिए पेटेंट कराया। 1930 में होबोर्ट ओर देवेर्स ने टिग वेल्डिंग के लिए पेटेंट कराया ।1946 में पहला स्पॉट वेल्डिंग टोर्च आया किन्तु इससे पहले १९३५ में सबमर्जड आर्क वेल्डिंग काKennedy Rodermund ओर Jones के द्वारा प्रस्तुत किया जा चूका था
1948 में मिग में नाम रहा ।
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