वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड का चयन


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वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड का चयन

जैसा कि हम जानते हैं कि वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड़ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभात्ता है ,एवं इसके बिना वेल्डिंग कार्य लगभग अस्संभव हो जाता है ,एलेक्ट्रोड़ की भूमिका का निर्धारण एवं चयन उसके कार्य के आधार पर किया जा सकता है  I


वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड़ मुख्यत; दो महत्व पूर्ण कार्य करता है जैसे :-
  1. विदुत धरा के चालक के रूप में                                           
  2. स्वयं पिघल कर जॉइंट का भराव करना 

इसके साथ साथ एलेक्ट्रोड़ को कार्य के आधार पर दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है जिसे कन्ज्यूमेबल एलेक्ट्रोड़ तथा नान-कन्ज्यूमेबल इलेक्ट्रोड कहा जाता है ,कांसुमेबल एलेक्ट्रोड़ स्वयम को पिघला कर जॉइंट में वेल्ड मेटल के रूप में  भरा जाता है.


आज हम वेल्डिंग प्रक्रिया में इलेक्ट्रोड के चयन के बारे में चर्चा करेंगे I वेल्डिंग प्रक्रिया में इलेक्ट्रोड के चयन से पहले हमें धातु के रासायनिक मिश्रण के बारे में जानना होता है कियोंकि यदि धातु की रासायनिक संरचना एलेक्ट्रोड़ से भिन्न होगी तो कई प्रकार के वेल्डिंग दोष सकते हैं जिसमे मुक्य दोष क्रेक या दरार का पड़ना है I

धातु की पहचान

धातु की पहचान के सन्दर्भ में कई संस्थाएं हैं जो अंतररास्ट्रीय स्तर पर कार्य करती हैं तथा जिनकी धातु विज्ञानं में महत्वपूर्ण भूमिका रही है एवं जिनके द्वारा बनाये गए सिस्टम का उपयोग विश्व स्तर पर धातु उत्पादक कम्पनियाँ तथा संस्थाए करती हैं जो धातु के पहचान एवं उपयोग को सरल बनती हैं इनमे से कुछ मुख्य सिस्टम जैसे :-
1.      AWS सिस्टम
2.      BS सिस्टम
3.      IS सिस्टम

welding standards


अधिकांश धातु उत्पादक संस्थावो द्वारा उपयोग किये जाने वाले स्टैण्डर्ड एवं सिस्टम  में धातु को पहचाने के लिए कुछ कोड दिए जाते हैं जो धातु के रासायनिक सनरचनावो के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं तथा इन्ही के आधार पर वेल्डिंग प्रोसीजर का निर्माण होता है

धातु के पहचान में सहायककोड  


वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड़ का चयन
धातु उत्पादक संस्थावो द्वारा धातु के निर्माण के समय धातु में अन्य अवयवों के मिश्रण के अनुपात तथा विभिन्न धातुवों के पहचान के लिए जो कोड उपभोगता संस्थाओं को उपलब्ध कराये जाते हैं उनसे यह सुनिश्चित करना सरल हो जाता है की धातु किस वर्ग का है तथा इसके लिए  किस प्रकार के एलेक्ट्रोड़ उपयोग में लाना चाहिए I धातुओं के वर्गीकरण में तथा वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड़ के चयन में उपयोग में लाये जाने वाले मुख्य तथ्य जैसे :-
  • ·         ग्रुप नम्बर
  • ·         F नम्बर
  • ·         UNS नम्बर
  • ·         A नम्बर
  • ·         P नम्बर

आदि प्रमुख हैं जो धातुओं तथा उनके मिश्रणों के रासायनिक संरचना तथा अव्यवों के सही अनुपात को दर्शाते हैं तथा जिनके आधार पर वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड़ का चयन सरल हो जाता है I तथा वेल्डिंग प्रोसीजर के निर्माण में सहायक होता है I

ग्रुप नम्बर :-

 इस संख्या प्रणाली को लागु  करने का मुख्य उद्देश्य वेल्डिंग प्रोसीजर क्वालिफिकेशन रिकार्ड (PQR) की संख्या को कम करना है। PQR के  संचालन करने के लिए बहुत सारी  प्रक्रियात्मक आवश्यकताएं होती हैं जो समय तथा धन दोनों की हानि  का कारन बनते हैं  जैसे :
·         परीक्षण कूपन की तैयारी
·         परीक्षण कूपन की वेल्डिंग और
·         वेल्डिंग के पशात परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजना
इसलिए, इन गतिविधियों को कम करने के लिए, ASME ने आधार धातुओं का ग्रूपिंग किया है और धातुओं के प्रत्येक समूह को कुछ  नंबर दिए हैं। ये ग्रुप नम्बर कहलाते हैं I

F नम्बर

एफ नंबर: भराव धातुओं के लिए( इलेक्ट्रोड्स )वेल्डिंग प्रक्रिया विनिर्देश (डब्ल्यूपीएस) और वेल्डर की योग्यता परिछन की संख्या को कम करने के लिए किया जाता है। एफ संख्या समूहन के लिए आधार प्रयोज्य विशेषताएँ हैं। इसलिए यह माना जाता है कि यदि कोई वेल्डर किसी विशेष भराव धातु से संतोषजनक वेल्ड कर  सकता है, तो वह उस विशेष ‘F’ संख्या से संबंधित सभी भराव धातुओं के साथ वेल्ड करने में सक्षम होगा।

वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड़ का चयन
UNS नम्बर                                                           

धातु और मिश्र धातुओं के लिए एकीकृत संख्या प्रणाली; एएसटीएम और एसएई के बीच एक संयुक्त प्रयास के द्वारा  रासायनिक संरचना के आधार पर मटेरियल को विशेष पहचान का उत्पादन करने के लिए किया गया है यह प्रणाली  भी धातुओं को उनके रासायनिक संरचना के आधार पर वर्गीकृत करने का कार्य करता है I इसके बारे में भी पिछले अंक में चर्चा की जा चुकी है   

A नम्बर

इलेक्ट्रोड्स के चयन में A नंबर ग्रुपिंग भी सुबिधा प्रदान करता है तथा भराव धातु या फिलर मेटल के उपयोग को विस्तार प्रदान करता है I ‘ए’ नंबर ग्रुपिंग,वेल्ड धातु की रासायनिक संरचना के आधार पर की गई है।

एलेक्ट्रोड़(भराव धातु )
F नम्बर
स्टील तथा स्टील मिश्रण
F नम्बर 1 से F नंबर 6
एलुमिनियम तथा मिश्रण
F नम्बर21 से F नम्बर26 तक
कापर  तथा मिश्रण
F नम्बर31 से F नम्बर 37 तक
निकल तथा मिश्रण
F नम्बर41 से F नम्बर 46 तक
टॉयटेनियम तथा मिश्रण
F नम्बर51 से F नम्बर 56 तक
जर्कोनियम तथा मिश्रण
F नम्बर 61
हार्ड फेसिंग वेल्ड मेटल  ओवर ले
F नम्बर71 से F नम्बर 72तक


धातु
P नुम्बर रेंज
स्टील तथा स्टील मिश्रण
P नम्बर1 से P नम्बर15 तक
एलुमिनियम तथा मिश्रण
P नम्बर21 से P नम्बर26 तक
कापर  तथा मिश्रण
P नम्बर31 से P नम्बर35 तक
निकल तथा मिश्रण
P नम्बर41 से P नम्बर49 तक
टॉयटेनियम तथा मिश्रण
P नम्बर51 से P नम्बर53 तक
जर्कोनियम तथा मिश्रण
P नम्बर61 से P नम्बर62 तक

वेल्डिंग प्रक्रिया में इलेक्ट्रोड का चयन :-

सर्व प्रथम धातु की पचान करते हैं तत्पशचात  सामान रासायनिक संरचना वाले एलेक्ट्रोड़ का चुनाव करते हैं I 
वेल्डिंग प्रक्रिया में एलेक्ट्रोड़ का चयन



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