वेल्डिंग
वेल्डिंग शब्द का प्रयोग वास्तव में धातु के पुर्जों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। यह एक प्राचीन तकनीक है जिसका उपयोग आधुनिक युग में एक लोकप्रिय व्यवसाय के रूप में भी किया जाने लगा है।
वेल्डिंग किया है
यह एक विनिर्माण गतिविधि है, जिसमें दो भागों को एक साथ जोड़ने के लिए गर्मी और दबाव, या दोनों का उपयोग किया जाता है।
धातु, लकड़ी और थर्मोप्लास्टिक आदि को वेल्डिंग विधि द्वारा आपस में जोड़ा जाता है, जिसके लिए मुख्य रूप से ऊष्मा और दबाव या दोनों का उपयोग किया जाता है।
वेल्डिंग की उत्पत्ति
वेल्डिंग एक प्राचीन तकनीक है जो शुरू में एक कला के रूप में लोकप्रिय हुई, लेकिन मानव विकास के साथ-साथ इसका विकास भी हुआ और इसने आधुनिक समय में विज्ञान का रूप ले लिया है।
वेल्डिंग का इतिहास बहुत ही प्राचीन है इसका उपयोग आज से लगभग 4000 ईसा पूर्व में ही मानव समाज ने ,विश्व के विभिन्न भागों में करना प्रारंभ कर दिया था ।यह तांबे से शुरू हुआ और फिर कांस्य, चांदी, सोना और लोहे में विस्तारित हुआ। चूँकि उस समय तांबा एक अयस्क के रूप में पाया जाता था, इसलिए इसका उपयोग केवल घरेलू उपयोग की वस्तुओं और शिकार के हथियारों तक ही सीमित था।
वेल्डिंग की परिभाषा
वेल्डिंग , धातुओं या थर्मोप्लास्टिक्स, को आपस जोड़ने की प्रक्रिया है सिसमे ताप/दाब या दोने के प्रयोग से दो सामान या भिन्न धातुओं को आपस में जोड़ा जाता है तथा आवश्यकता पड़ने पर अलग से भराव धातु का प्रयोग किया जाता है । या
उच्च तापमान पर बेस मेटल को पिघलाकर भराव धातु की सहायता से वेल्डिंग दो धातुओं को आपस में मिलाने की प्रक्रिया वेल्डिंग कहलाती है ।
सामान्यत: वेल्डिंग प्रक्रिया का उपयोग विभिन्न प्रकार के धातुओं ,थर्मोप्लास्तिक या लकड़ी को जोड़ने में किया जाता है किन्तु प्रत्येक को जोड़ने के लिए अलग अलग प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है ,जिस पर नीचे विस्तार से चर्चा करेंगे ।
वेल्डिंग प्रक्रिया में भराव सामग्री का उपयोग
भराव सामग्री आधार धातुओं के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करने में मदद करती है। भराव सामाग्री ,प्राय : उन धातुओं में प्रयोग किया जाता है जनकी मोटाई होती है ,अत्यधिक पतले गटकों को जोड़ने के लिए भराव सामग्री आवश्यक नहीं होता है ।
भराव सामग्री का चयन धातु के आतंरिक तत्वों के मिश्रण के आधार पर किया जाता है ।
परिरक्षण प्रक्रिया
आधार और भराव घटकों को ऑक्सीकृत होने से बचाने के लिए वेल्डिंग के बाद परिरक्षण प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत सामान्यत : अक्रिय गैसों , फ्लक्स ,आदि का उपयोग किया जाता है ।
वेल्डिंग के बारे में
यद्यपि प्राचीन काल में वेल्डिंग का उपयोग मात्र एक कला के रूप में आरम्भ हुआ किन्तु समय बीतने के साथ साथ इसका विस्तार होता चला गया , आज यह एक पूर्ण रूप से विकसित विज्ञान का रूप ले चूका है । आज विश्व व्यापी स्तर पर कंपनिया एवं संस्थान इस तकनीक पर दिन रात काम कर रहे हैं । जिसके परिणाम स्वरुप आधुनिक समाज का निर्माण संभव हो सका है । इसके बारे में पिछले आर्टिकल(वेल्डिंग का इतिहास ) में विस्तार से चर्चा की जा चुकी है ।
वेल्डिंग के अनुप्रयोग
वर्त्तमान युग में वेल्डिंग का प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में हो रहा है , चाहे वह घरेलु उपकरण हों या व्यावसायिक संस्थानों में लगने वाले उपक्रम हों ,कुछ सामान्य अनुप्रयोग निम्न हैं :-
निर्माण कार्यों में
- वेल्डेड इंजन माउंट आदि
- जेट इंजन के लिए टर्बाइन फ्रेमआदि
- रॉकेट मोटर ईंधन और ऑक्सीडाइज़र टैंक आदि
- डक्ट्स, फिटिंग्स, काउलिंग, कंपोनेंट्स आदि
ऑटोमोबाइल निर्माण कार्य में
- आर्क वेल्डेड कार के पहिये इत्यादि
- स्टील रियर एक्सल हाउसिंग आदि
- फ्रेम साइड रेल आदि
- ऑटोमोबाइल फ्रेम ब्रैकेट आदि।
पुलों एवं घाटो निर्माण में
- सेक्शन की लंबाई।
- सेक्शनकी दुकान और फील्ड वेल्ड असेंबली, आदि।
इमारतें की संरचना के निर्माण में
- कॉलम और बेस प्लेट्स इत्यादि
- संरचना का निर्माण, आदि।
दबाव वाहिकाओं और टैंक निर्माण में
- क्लैड और लाइनेड स्टील प्लेट्स।
- शैल निर्माण
- नोजल को खोल से जोड़ना, आदि।
भंडारण टंकियों के निर्माण में
- तेल गैस और पानी भंडारण टैंक।
रेल सड़क उपकरण निर्माण में
- लोकोमोटिवअंडरफ्रेम
- हवा रिसीवर यन्त्र।
- फ्रंट और रियर हुड, आदि।
पाइपिंग और पाइपलाइन बिछाने में :
- रोल्ड प्लेट पाइपिंग
- खुले पाइप जोड़
- तेल, गैस, और गैसोलीन पाइपलाइन इत्यादि।
जहाजों के निर्माण में :
- शैल फ्रेम
- डेक बीम और बल्कहेड स्टिफ़नर।
- गोले के लिए गर्डर्स।
- चढ़ाना, आदि के लिए बल्कहेड जाले।
- ट्रक और ट्रेलर के निर्माण में ।
- मशीन टूल फ्रेम, कटिंग टूल्स, आदि।
- घरेलू और कार्यालय फर्नीचर।
- अर्थमूविंग मशीनरी और क्रेन।
वेल्डिंग के प्रकार
वर्त्तमान में बहुत मेटल्स को जोड़ने के लिए , कई विधियों का उपयोग किया जाता है जिनमे सोल्डरिंग ,रिविटिंग ,ब्रेजिंग के साथ साथ कई वेल्डिंग प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है जिनको उनके द्वारा उपयोग किये गए स्रोतों एवं कार्य शैली के आधार पर निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे :-
आर्क वेल्डिंग ,गैस वेल्डिंग ,रेजिस्टेंस वेल्डिंग ,सॉलिड स्टेट वेल्डिंग ,थर्मो केमिकल वेल्डिंग ,रेडिएंट एनर्जी वेल्डिंग इत्यादि इन वेल्डिंग प्रक्रियाओं के अंतर्गत बहुत सारी आधुनिक वेल्डिंग प्रक्रियाएं आती हैं जिनपर नीचे विस्तार से चर्चा करेंगे ।
आर्क वेल्डिंग ARC WELDING
आर्क वेल्डिंग प्रक्रिया (Arc welding process ) को चाप वेल्डिंग प्रक्रिया भी कहा जाता है । आर्क वेल्डिंग ,वेल्डिंग प्रक्रियाओं का एक समूह होता है जिसमे बहुत सारी वेल्डिंग प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं जैसे :-
- SMAW (परिरक्षित धातु आर्क वेल्डिंग)
- GTAW (गैस टंगस्टन आर्क वेल्डिंग)
- CAW (कार्बन आर्क वेल्डिंग)
- SAW (जलमग्न आर्क वेल्डिंग)
- GMAW (गैस मेटल आर्क वेल्डिंग)/MIG
- PAW (प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग)
- ASW (आर्क स्पॉट वेल्डिंग)
- FCAW (फ्लक्स कोर्ड आर्क वेल्डिंग )
- इलेक्ट्रोस्लैग वेल्डिंग तथा इलेक्ट्रोगैस वेल्डिंग (Electro slag and Electrogas welding)
- SW (स्टड आर्क वेल्डिंग)
वेल्डिंग के फायदे और नुकसान
लाभ
- वेल्डिंग मजबूत, टिकाऊ और स्थायी संयुक्त लिंक स्थापित करता है।
- वेल्डिंग की प्रक्रिया एक उत्कृष्ट फिनिश में परिणाम देती है।
- भराव सामग्री के साथ उपयोग किए जाने पर यह तकनीक आधार सामग्री की तुलना में अधिक मजबूत वेल्ड का उत्पादन करती है।
- वेल्डिंग किसी भी स्थान पर की जा सकती है।
- वेल्डिंग एक किफायती और किफायती प्रक्रिया है।
- निर्माण, लोहा और इस्पात, ऑटोमोबाइल और कई अन्य उद्योगों जैसे क्षेत्रों में वेल्डिंग की भारी मांग है।
- वेल्डिंग के माध्यम से जोड़ी गई सामग्री , सामान्य सामग्री संरचना के अनुरूप हो जाती है तथा इसको आसानी से टुकड़ों में नहीं काटा जा सकता है।
हानि
- वेल्डिंग एक कठिन प्रक्रिया है; इसलिए, इसे सुरक्षा और सुरक्षा मार्गदर्शक सिद्धांतों के तहत किया जाना आवश्यक है ।
- वेल्डिंग के लिए कुशल श्रम और एक अच्छी बिजली की आपूर्ति की आवश्यकता होती है,
- वेल्डिंग के लिए प्रयुक्त मिश्र धातु हानिकारक धुंए का उत्सर्जन करते हैं जो स्वास्थ के लिए हानिकारक होता है ,
0 Comments
Thanks for your valuable time